कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है जो अपने इतिहास और रहस्य से पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस आर्टिकल में हमने कुलधरा गाँव की पूरी कहानी और घूमने की जानकारी दी है।
क्या आपने कभी सुना है कुलधरा गांव का इतिहास के बारे में? यह राजस्थान के जैसलमेर में स्थित पालीवाल ब्राह्मणों का प्राचीन गांव है, जो 300 साल पहले से सुनसान है।
कहते हैं कि 1700 के दशक में, पालीवाल समुदाय के 84 गाँवों में से कुलधरा सबसे प्रमुख गाँव था, जहाँ 1500 से 2000 परिवारों का निवास हुआ करता था।
लेकिन, 1825 में, Kuldhara Village में समस्त सम्मानित गांव के लोगों ने एक रात में ही अपना सब कुछ छोड़कर गांव से पलायन कर लिया। उन्होंने गांव पर श्राप लगा दिया, कि जो भी इस गांव में रहेगा, उसका नाश हो जाएगा।
Kuldhara village history in Hindi Overview information
कुलधरा गांव का स्थापना | 13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा की गई थी |
कुलधरा जाने का सबसे अच्छा समय | नवंबर से मार्च के महीने हैं, जब मौसम सुहावना होता है, और तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। |
कुलधरा कैसे पहुंचे? | कुलधरा गांव, जैसलमेर से, 18 किलोमीटर की दूरी पर है आप जैसलमेर से सड़क मार्ग से अपने वाहनों से जा सकते हैं या सार्वजनिक परिवन से भी जा सकते हैं |
कुलधरा गाँव की गतिविधियाँ और आकर्षण | जैसे मल्बे को तलाशना, प्राकृतिक सौंदर्य, फोटोग्राफी, खंडहरों की खोज, कैंपिंग और नाइट सफारी |
कुलधरा गाँव प्रवेश करने का समय | सुबह 8:00 बजे से, शाम 6:00 बजे तक कुलधरा गांव में प्रवेश का समय ले सकते हैं। |
प्रवेश शुल्क | कुलधरा गांव में प्रवेश का शुल्क, प्रति व्यक्ति 10 रु. 50 प्रति कार, रु. 100 प्रति बस, और रु. 25 प्रति कैमरा है। |
स्थान/फोटो | आप इस लिंक Kuldhara Village Map क्लिक कर के map सेट कर सकते हैं और यही पर नई नई अपडेटेड फोटोज देख सकते हैं |
कुलधरा गाँव में कहाँ रहना और खाना है | कुलधरा गाँव में कोई restaurant /Hotels या canteen नहीं है, पर visitors लगभग 18 किमी दूर Jaisalmer में यह सब सुविधा ले सकते हैं। Tourist गाँव में camping भी डाल सकते हैं |
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Kuldhara Village Story: कुलधरा गांव की कहानी
कुलधरा गांव की कहानी का मुख्य किरदार है, सलीम सिंह, जो तब के मुगल सम्राट के प्रधानमंत्री थे। कहते हैं कि सलीम सिंह को कुलधरा गांव की सरपंच की सुंदर और परिशुद्ध लड़की से प्यार हो गया था।
लेकिन, उसका प्यार स्वीकार्य नहीं था, क्योंकि पालीवाल समुदाय में, शादी सिर्फ समुदाय के ही साथियों में होती थी। तो, सलीम सिंह ने, अपनी श्ता का गलत फायदा उठाकर, सरपंच को धमकी दी, कि अगर उसने अपनी लड़की को उससे शादी करने के लिए तैयार नहीं किया, उसने कहा कि वह गांव वालो से कर वसूलेगा।
सरपंच ने उसकी बात को ठुकरा दिया, और पालीवाल लोगों के साथ मिलकर, एक फैसला किया, कि वे सब मिलकर गांव छोड़ देंगे।
लेकिन, उन्होंने सलीम सिंह को सजा देने के लिए, गांव पर श्राप लगा दिया, कि जो भी इस गांव में रहेगा, उसका नाश हो जाएगा।
तो, 1825 में, कुलधरा गाँव के समस्त प्रतिष्ठित लोगों ने एक रात में ही अपना सब कुछ छोड़कर गांव से पलायन कर लिया। उन्होंने किसी को भी नहीं बताया, कि वे कहाँ जा रहे हैं, और कैसे।
कुलधरा गांव का रहस्य
कुलधरा गाँव का रहस्य आज भी हल नहीं हुआ है। कोई नहीं जानता, कि पालीवाल समुदाय के लोगों ने कुलधरा से पलायन करने के बाद कहाँ बसे, और क्या हुआ।
कुलधरा गाँव में, 300 साल से, कोई निवासी नहीं है, सिर्फ सुनसान मकान, मंदिर, कुंए, और स्मारक हैं।
कहते हैं, कि कुलधरा गांव में, रात में, परीक्षण होते हैं, जैसे, अनोखी आवाजें, प्रेतों का नज़र पड़ना, मकानों में प्रकाश, और मंदिरों में पूजा।
कुलधरा गांव में, कुछ लोगों का कहना है, कि उन्हें, पालीवाल समुदाय के लोगों का दर्शन हुआ है, जो उन्हें गांव से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं।
कुलधरा गांव में, कुछ लोगों का कहना है, कि उन्हें, सलीम सिंह का प्रेत नज़र आया है, जो उन्हें सताता है, और माफी मांगता है।
कुलधरा गांव में, कुछ लोगों का कहना है, कि उन्हें, कुलधरा सरपंच की लड़की का प्रेत नज़र आया है, जो उन्हें सहायता मांगती है, और सलीम सिंह से मुक्ति चाहती है।
कुलधरा गाँव में, कुछ लोगों का कहना है, कि उन्हें, कुलधरा समुदाय के पूर्वजों की प्रतिमाएं नज़र आती हैं, जो उन्हें सम्मान, प्रेम, और संस्कृति की सीख देती हैं।
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दाय के बच्चों का खेलना नज़र आता है, जो उन्हें खुशी और उम्मीद का संदेश देते हैं।
कुलधरा गाँव के रहस्य को समझने के लिए, कई परीक्षण किए गए हैं, जैसे, वैज्ञानिक, अलौकिक, तार्किक, और अतार्किक। (supernatural, logical, and illogical) लेकिन, कोई भी जाँच सफल नहीं हुआ है, और कुलधरा गांव का रहस्य आज भी हल नहीं हुआ है।
Tourism in Kuldhara Village: कुलधरा गांव में पर्यटन
कुलधरा गांव में पर्यटन करने के लिए, कुछ कार्य और आकर्षण हैं, जो आपको पसंद आ सकते हैं, जैसे,
- मल्बे को तलाशना: आप कुलधरा समुदाय की संस्कृति, कला, और सामाजिक संरचना को समझने के लिए, उनके पुराने मकानों, मंदिरों, कुंओं, और स्मारकों को तलाश सकते हैं।
- कैंपिंग: आप कुलधरा समुप्रेषित प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए, गांव के पास कैंप लगा सकते हैं। आप रात में, सितारों को देखने, आग के पास बैठने, और कुलधरा की कहानी सुनने का मौका पा सकते हैं।
- फोटोग्राफी: आप कुलधरा की पुरानी और मनमोहक संरचनाओं, सुनसान और मायावी माहौल, और सुंदर और रंगीन प्रकृति को कैमरे में कैद कर सकते हैं।
- सीखना: आप कुलधरा के स्थानीय लोगों से मिलकर, उनकी संस्कृति, परम्परा, और लोककथाओं के बारे में सीख सकते हैं। आप उन्हें, उनकी मुसीबतों, महत्वाकांक्षाओं, और सपनों के बारे में सुन सकते हैं।
How to Reach Kuldhara Village: कुलधरा गांव में पहुंचने का तरीका
कुलधरा गांव में पहुंचने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है, सड़क मार्ग से।
- सड़क: कुलधरा गांव, जैसलमेर से, 18 किलोमीटर की दूरी पर है, जो 30 मिनिट में पहुंचा जा सकता है। आप, अपनी कार, मोटरसाइकिल, या साइकिल से, Jaisalmer-Sam-Dhanana Road पर, कुलधरा गाँव बोर्ड को फॉलो करते हुए, कुलधरा गाँव गेट पहुंच सकते हैं।
- सार्वजनिक परिवहन: कुलधरा गांव, जैसलमेर बस स्टैंड से, 20 किलोमीटर की दूरी पर है, जो 40 मिनिट में पहुंचा जा सकता है। आप, जैसलमेर बस स्टैंड से, सैम सैंड दुनेस या खुरी गाँव के लिए जाने वाली बसों, टैक्सियों, या ऑटोरिक्शाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, और कुलधरा गांव बोर्ड पर, उतर सकते हैं।
Kuldhara Village Entry Timings and Fees: कुलधरा गांव में प्रवेश का समय और शुल्क
कुलधरा गांव में प्रवेश का समय, सुबह 8:00 बजे से, शाम 6:00 बजे तक है।
कुलधरा गांव में प्रवेश का शुल्क, 10 रुपए प्रति व्यक्ति, 50 रुपए प्रति कार, 100 रुपए प्रति बस, और 25 रुपए प्रति कैमरा है।
Best time to visit Kuldhara Village: कुलधरा गांव में जाने का सबसे अच्छा समय
कुलधरा गांव में जाने का सबसे अच्छा समय, नवंबर से मार्च के महीने हैं, जब मौसम सुहावना होता है, और तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।
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कुलधरा गांव में, पूर्णिमा की रात को, कुलधरा नाइट सफारी का आयोजन किया जाता है, जिसमें, आप, कुलधरा की परीक्षण, कहानी, और संस्कृति को, निकट से अनुभव कर सकते हैं।
Places to Eat in Kuldhara Village: कुलधरा गांव में खाने की जगह
कुलधरा गांव में, कोई भी होटल, रेस्टोरेंट, या कैंटीन नहीं है, जहाँ आप, ताजा, स्वादिष्ट, और स्वस्थ भोजन प्राप्त कर सकें।
लेकिन, आप, जैसलमेर सिटी में, कुल 18 किलोमीटर की दूरी पर, कुल 18 किलोमीटर की दूरी पर, कई होटल, रेस्टोरेंट, और कैंटीन मिल जाएंगे, जहाँ आप, राजस्थानी, पंजाबी, मुगलाई, चाइनीज, और कंटिनेंटल व्यंजनों का मज़ा ले सकते हैं।
कुछ प्रसिद्ध और सस्ते खाने की जगह हैं
- त्रियो: यह, Jaisalmer Fort के पास, स्थित, एक मल्टी-क्यूजिन रेस्टोरेंट है, जो, पिज्जा, पास्ता, सैंडविच, सलाद, और केक प्रसिद्ध है।
- मिलन: यह, Gandhi Chowk के पास, स्थित, एक पंजाबी रेस्टोरेंट है, जो, पराठा, चना मसाला, पनीर बटर मसाला, और लस्सी प्रसिद्ध है।
- मोनिका: यह, Hanuman Circle के पास, स्थित, एक मुगलाई रेस्टोरेंट है, जो, तंदूरी चिकन, मुत्तन रोगन जोश, केबाब, और नान प्रसिद्ध है।
- लालगढ़: यह, Gadisar Road पर, स्थित, एक राजस्थानी रेस्टोरेंट है, जो, केर संग्री, गत्ते की सब्ज़ी, दाल-बाटी-चूरमा, और मलपुआ प्रसिद्ध है।
कुलधरा गांव का सार
कुलधरा गांव का सार यह है, कि यह, 300 साल पहले से सुनसान है, क्योंकि इसके निवासी, एक रात में ही, गांव से पलायन कर गए, और गांव पर श्राप लगा दिया।
कुलधरा गांव की कहानी, रहस्य, परीक्षण, पर्यटन, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को, हमने, इस लेख में, विस्तार से बताया है।
कुलधरा गांव, भारत का सबसे रहस्यमयी और भूतिया गांव है, जो, हर साल, हज़ारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
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कुलधरा गांव खाली क्यों हुआ?
पालीवाल ब्राह्मणों ने 18वीं सदी में कुलधरा बसाया। दीवान सलीम सिंह को गांव की एक लड़की पसंद आई, परंतु गांव वालों ने शादी से मना किया। सलीम सिंह ने उन्हें डराकर समय मांगा, परंतु पालीवाल ब्राह्मणों ने सब कुछ लेकर कहीं दुसरे स्थान चले गए।
एशिया का सबसे भूतिया गांव कौन सा है?
Most Haunted Village in Asia kuldhara village
जैसलमेर से कुलधरा गांव की दूरी कितनी है?
जैसलमेर से कुलधरा गांव 18 किलोमीटर की दूरी पर है
सबसे डरावना गांव कौन सा है?
सबसे डरावना गाँव कुलधरा हैं जो की राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है
कुलधरा गांव कौन से जिले में है
राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है
राजस्थान के कुलधरा गांव के लोग कैसे थे?
राजस्थान के कुलधरा गांव के लोग पालीवाल ब्राह्मण थे और बहुत अच्छे लोग थे
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